Wednesday, August 25, 2010

एक सैनिक कश्मीर से !

मैं भारतीय सैनिक आजकल कश्मीर में पदस्थ हूँ |
हथगोलों गोलियूं वा गालियूं का अभ्यस्त हूँ||

मेरे घर में भी हैं पत्नी और बच्चे|
वे सब हैं आप जैसे मासूम और सच्चे||

वे रोज़ मेरी कुशलता की कामना करते हैं|
रोज़ एक अनचाहे दर्द का सामना करते हैं||

मुझ पे रोज़ हथगोले बरसाए जाते हैं|
आतंकवादी भीड़ में कहीं खो जाते हैं||

मेरी हत्या मानवअधिकारों का उल्लंघन नही होती|
मेरे शव पर कोई आँख भी नही रोती||

मेरी मृत्यु पत्रकारों के लिए मसाला नही होती|
शायद इसीलिए कोई कलाम हम पे नहीं रोती||

यदि ये हाथ किसी नागरिक तक पहुँच जाते हैं|
तो हम अपने आप को सुर्ख़ियो में पाते हैं||

क्यूँ उनका जीवन अनमोल और हमारा बेमोल है!
इंसानियत के नाम पे ये कैसा तोल है..??

11 comments:

  1. सेकुलर शैतानों की यह देश अब बपौती है।
    शहीदों पर नहीं उनकी आँख गद्दारों पर रोती है....

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  2. ऐसा नहीं है कि शहीदों और सैनिकों के लिए आंखों में आंसू नहीं आते। शहीदों के लिए आंखे नम होती है तो सैनिकों के लिए फख्र से सिर ऊंचा करते है। बहुत अच्छी अभिव्यक्ति है

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  3. दुखद - सच्ची व्यथा - देश चलानेवालों को शर्म आनी चाहिए. हमें देश के उन सपूतों पर गर्व है.

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  4. कविता अच्छी लगी धन्यवाद्|

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  5. Sunder abhvyakti ke liye aapka hardik aabhar.
    dr.bhoopendra
    jeevansandarbh.blogspot.com

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  6. बेहद दु:खद स्थिति ,लेकिन
    आम आदमी हमेशा आप के साथ है वो आप का दुख समझता है ,हम भी आप की तकलीफ़ों से दुखी हो जाते हैं हम आप को नमन करते हैं

    तुझे नमन जांबाज़ जवान
    है कृतज्ञ ये हिन्दुस्तान

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  7. हमारी आँखेँ भी रोती हैँ आपके लिए, हमारे दिल भी दुःखी होते हैँ आपके लिए.......क्योँकि आप हमारे अपने है। आपने अपनी दिल की बात को दिल से लिखा हैँ। शुभकामनायेँ! -: VISIT MY BLOG :- तुम ऐसे मेँ क्यूँ रुठ जाती हो?......इस कविता पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए आप आमंत्रित है आप इस लिँक पर क्लिक कर सकते हैँ।

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  8. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

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  9. स्वागतम. सैनिक . अगर पढ़े तो ही टिपण्णी दे . अन्यथा नहीं .

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  10. स्वागतम,ब्‍लागजगत पर

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  11. इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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