आप सभी का स्वागत है ! हिंदी इस दुनिया की सबसे खूबसूरत भाषा है और इसी भाषा के कुछ अंश मात्र मैं यंहा प्रस्तुत कर रहा हूँ.
Wednesday, January 5, 2011
नहीं चुनी मैंने ये ज़मीन जो वतन ठहरी
नहीं चुनी मैंने ये ज़मीन जो वतन ठहरी
नहीं चुना मैंने वो घर जो खानदान बना
नहीं चुना मैंने वो मज़हब जो मुझे बख्शा गया
नहीं चुनी मैंने वो जुबां जिसमें माँ ने बोलना सिखाया
और अब मैं इन सब के लिए तैयार हूँ मारने मरने पर............
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