खोया खोया उदास सा होगा
तुमसे वोह शख्स जब मिला होगा
फिर बुलाया है उसने ख़त लिख कर
सामने कोई मसला होगा
रूह से रूह हो चुकी बद-ज़िन
जिस्म से जिस्म कब जुदा होगा
कुर्ब का ज़िक्र जब चला होगा
दरमियान कोई फासला होगा
घर में सब सो रहे होंगे
फूल आँगन में जल चुका होगा
कल की बातें करोगे जब लोगो!
खौफ सा दिल में रूनुमा होगा
बलराज कोमल
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