बे-सबब दामन भिगोना आ गया
बात करते करते रोना आ गया
खेलता रहता है मेरी दिल से वो
हाथ में उसके खिलौना आ गया
बैठे बैठे उठ के चल देते हैं हम
इश्क़ में बेताब होना आ गया
दर-ब-दर होने का यह इनाम है
हर किसी के दर पे सोना आ गया
उसको पाना था मगर पाया नहीं
ये हुआ कि खुद को खोना आ गया
आंसुओं में ढल गया दिल का लहू
इस लहू से मुँह धोना भी आ गया
जब छुआ उसका बदन तो यूं लगा
हाथ में मिट्टी के सोना आ गया
चांद सा चेहरा, सितारे बाल में
रात को मोती पिरोना आ गया
लहलहा उठी हैं फसलें शेर की
अश्क तुम को बीज बोना आ गया
इब्राहीम अश्क
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