Sunday, June 13, 2010

मै क्या , मेरा परिचय क्या!

मै क्या , मेरा परिचय क्या! जीवन हे स्वरलहरी मेरा, कोई भिन्न मुझसे लय क्या !! मै क्या , मेरा पारिचय क्या! घुल जाऊ रेवा लहरों मे , शाम सहर और पहरों मे, धुप छाव अठखेली मे , माँ कि झोली मैली मे, छा जाऊ गर हर मन पे, फिर जिव मरण का अभिनय क्या !! मै क्या , मेरा परिचय क्या ! कर्म यग्य आहुति बन, परमाथ जीवन अर्पण, सत्य पथ अग्रसर हो , तन मन का करदू तरपन, हर मन प्रगति दीप जले तो, जिव जगत मे तम भय क्या !! मै क्या , मेरा पारिचय क्या!


बुझती हुई आंखो को एक ख्वाब दिखा रक्खा है ,
इन डूबती सांसो को जस्बात दिखा रखा है !
हो जाये दीदारे इश्क खाक होने से पहले ,
उम्मीद मै इस हम ने शम्मा को जला रक्खा है !

टुटा था दिल हमारा , पलके न फिर भी झलकी,
आंसू हम ने पीना , आंखो को सिखा रक्खा है !

आयेंगे मिलने मुझसे वो कब्ब्र पर भी मेरी ,
रास्तों पे उनके हमने फूलों को बिछा रक्खा है !

कोई तो कहदे उनसे , जस्बाते दिल ये मेरे ,
गमे दर्द हम ने आपनी, नज्मो मै लिखा रक्खा है !

हो जाये दीदारे इश्क खाक होने से पहले ,
उम्मीद मै इस हम ने शम्मा को जला रखा है !!


क्या लाया क्या ले जाऊंगा, बस मिट्टी मै रह जाऊंगा !
संग बिताये लम्हों कि पर, भीनी खुशबू दे जाऊंगा !!

संग बिताई सारी राते , लब चुप चुप बस कहती आंखे !
इन् आँखों कि भाषा मै ही, अपनी हसरत कह जाऊंगा !!
बस मिट्टी मै रह जाऊंगा !

तेडे मेडे तट के रस्ते , साथ चले है जिन पे हसते !
कदम मिला फिर चल ना सका तो , संग नदी बन बह जाऊंगा !!
बस मिट्टी मै रह जाऊंगा !

संग मिली है सारी खुशींया, साथ उठाये थे सारे गम !
अब दे सारी खुशींया तुझ को, सब गम खुद ही सह जाऊंगा॥
बस मिट्टी मै रह जाऊंगा !

क्या लाया क्या ले जाऊंगा, बस मिट्टी मै रह जाऊंगा !
संग बिताये लम्हों कि पर, भीनी खुशबू दे जाऊंगा !!

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