Wednesday, January 5, 2011

फ़ना का होश आना ज़िंदगी का दर्द-ए-सर जाना

फ़ना का होश आना ज़िंदगी का दर्द-ए-सर जाना
अजल* क्या है खुमार-ए-बादा-ए-हस्ती उतर जाना
[अजल=death, मौत]
मुसीबत में बशर के जौहर-ए-मरदाना खुलते हैं
मुबारक बुजदिलों को गर्दिश-ए-किस्मत से डर जाना

बोहत सौदा रहा वाएज़ तुझे नार-ए-जहन्नुम का
मज़ा सोज़-ए-मोहब्बत का भी कुछ ए बेखबर जाना

[ajal=death, bashar=human being, baada=wine/liquor, hastii=life, being, entity]

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